1. **सहीह मुस्लिम, हदीस नंबर 2699**
"जो शख्स इल्म हासिल करने के लिए रास्ता इख्तियार करता है, अल्लाह तआला उसके लिए जन्नत का रास्ता आसान कर देता है।"
इस हदीस से हमें ये सीख मिलती है कि इल्म हासिल करने का सफर एक नेक अमल है, और इसके जरिए अल्लाह का क़रीब पहुँचा जा सकता है।
2. **जामेह तिर्मिज़ी, हदीस नंबर 2682**
"इल्म का हासिल करना हर मुसलमान मर्द और औरत पर फर्ज़ है।"
इस हदीस में साफ तौर पर बताया गया है कि इल्म की तलाश सिर्फ मर्दों तक महदूद नहीं, बल्कि औरतों पर भी इल्म हासिल करना फर्ज़ है।
3. **सहीह बुखारी, हदीस नंबर 100**
"अल्लाह उस शख्स के बारे में भलाई चाहता है जिसे दीन की समझ बख्शता है।"
इसका मतलब है कि जो इल्म हासिल करता है, वो अल्लाह की खास रहमत और रहनुमाई में होता है।
4. **अबू दाऊद, हदीस नंबर 3641**
"जो शख्स इल्म को फैलाता है, अल्लाह उस इंसान के लिए जन्नत में एक घर तैयार करता है।"
इल्म सिर्फ हासिल करने का नाम नहीं है, बल्कि दूसरों के साथ इसे शेयर करना भी जरूरी है।
5. **सहीह मुस्लिम, हदीस नंबर 4822**
"इल्म का हासिल करना और उस पर अमल करना, इंसान को रौशन करता है।"
यह हदीस बताती है कि इल्म के साथ-साथ उस पर अमल करना भी जरूरी है, जिससे इंसान की ज़िन्दगी में बरकत और हिदायत आती है।
इन हदीसों से यह साफ है कि ज्यादा से ज्यादा इल्म हासिल करना और इसे दूसरों तक पहुँचाना इस्लाम की बुनियादी तालीमात में से है।
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