Friday, 4 October 2024

وَحَدَّثَنَا يَحْيَى بْنُ يَحْيَى، أَخْبَرَنَا خَالِدُ بْنُ عَبْدِ اللهِ، عَنْ سُهَيْلٍ، عَنْ أَبِيهِ، عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ، قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: «مَنْ قَتَلَ وَزَغَةً فِي أَوَّلِ ضَرْبَةٍ فَلَهُ كَذَا وَكَذَا حَسَنَةً، وَمَنْ قَتَلَهَا فِي الضَّرْبَةِ الثَّانِيَةِ فَلَهُ كَذَا وَكَذَا حَسَنَةً، لِدُونِ الْأُولَى، وَإِنْ قَتَلَهَا فِي الضَّرْبَةِ الثَّالِثَةِ فَلَهُ كَذَا وَكَذَا حَسَنَةً، لِدُونِ الثَّانِيَةِ»The reward of killing a lizard.

خالد بن عبداللہ نے سہیل سے ، انھوں نے اپنے والد سے ، انھوں نے حضرت ابوہریرہ رضی اللہ عنہ سے روایت کی ، کہا : رسول اللہ ﷺ نے فرمایا :’’ جس شخص نے پہلی ضرب میں چھپکلی کو قتل کر دیا اس کے لیے اتنی اتنی نیکیاں ہیں اور جس نے دوسری ضرب میں مارا اس کے لیے اتنی اتنی ، پہلی سے کم نیکیاں ہیں اور اگر تیسری ضرب سے مارا تو اتنی اتنی نیکیاں ہیں ، دوسری سے کم ( بتائیں ۔ ) ‘‘

Abu Huraira reported Allah's Messenger ( ‌صلی ‌اللہ ‌علیہ ‌وسلم ‌ ) as saying:
He who killed a gecko with the first stroke for him is such and such a reward, and he who killed it with a second stroke for him is such and such reward less than the first one, and he who killed it with the third stroke for him is such and such a reward less than the second one. 

ख़ालिद-बिन-अब्दुल्लाह ने सुहेल से, उन्होंने अपने वालिद से, उन्होंने हज़रत अबू-हुरैरा (रज़ि०) से रिवायत की, कहा : रसूलुल्लाह (सल्ल०) ने फ़रमाया : जिस शख़्स ने पहली चोट में छिपकली को क़त्ल कर दिया उस के लिये इतनी नेकियाँ हैं और जिसने दूसरी चोट में मारा उसके लिये पहली से कम नेकियाँ हैं और अगर तीसरी चोट से मारा 
तो इतनी नेकियाँ हैं दूसरी से कम (बताईं)।


यह हदीस (सही मुस्लिम, हदीस नंबर 5846) हज़रत अबू-हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है, जिसमें रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने छिपकली (जिसे "वज़ग़" भी कहते हैं) के क़त्ल के बारे में बताया है। इसमें तीन चीज़ें समझने की ज़रूरत है:

1. **पहली चोट पर क़त्ल करने की अहमियत**: इस हदीस में बताया गया है कि जिसने पहली ही कोशिश में छिपकली को मार दिया, उसके लिए बहुत ज़्यादा सवाब (नेकियाँ) है। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि अगर कोई इंसान पूरी कोशिश और ध्यान से काम करता है और जल्दी से एक बुराई (जैसे छिपकली मारना) को ख़त्म कर देता है, तो उसे अल्लाह की तरफ़ से ज़्यादा इनाम मिलेगा।

2. **दूसरी या तीसरी चोट का इनाम कम**: अगर कोई शख़्स दूसरी या तीसरी कोशिश में छिपकली को मारता है, तो उसके लिए सवाब पहली बार से कम है। यह दिखाता है कि पहली कोशिश में किसी काम को अंजाम देने का फ़ायदा सबसे ज़्यादा होता है। जितनी देर लगाई जाएगी या जितनी कोशिशें बढ़ती जाएँगी, उसका इनाम घटता जाएगा।

3. **इसका धार्मिक और तर्बियती पहलू**: इस हदीस में एक और संदेश यह है कि इंसान को अपने काम में जितना हो सके, जल्दी और फुर्ती से काम लेना चाहिए। अगर वह किसी नफ़सानी या ज़हरीली चीज़ से निपटना चाहता है, तो उसे अपनी पूरी ताक़त से एक ही बार में कामयाब होना चाहिए, ताकि उसे ज़्यादा इनाम मिल सके।

यह हदीस इस बात की भी दलील है कि इस्लाम में नफ़ा-नुकसान वाली चीज़ों को हटाना (या मारना) जायज़ है, जैसे छिपकली जो नुकसानदायक हो सकती है।


(सहीह मुस्लिम (2240
सहीह बुखारी (3359)
सहीह मुस्लिम (2238)


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