तालीम हर लड़की का हक़ है, और यही हक़ उसे समाज में बराबरी और सम्मान की राह दिखाता है। बेटियों को पढ़ाना, आने वाले कल को बेहतर बनाना है।
हर लड़की को पढ़ाना ज़रूरी है।
ज़माने की रात में वो चाँद बन जाएं,
इल्म की दौलत से वो रौशन हो जाएं।
उनके हाथों में क़लम हो, न चूड़ियाँ सिर्फ़,
हर ख़्वाब उनका मुकम्मल हो, ख़्वाहिशें ज़िन्दा।
जो बेटियाँ पढ़ेंगी, वक़्त बदलेगा,
क़ौम का मुस्तक़बिल संवर जाएगा।
पढ़ाई से वो परिंदों-सी उड़ान भरेंगी,
नई दुनिया में अपने क़दम जमाएंगी।
लड़कियों को शिक्षा से दूर न करो,
उनके सपनों को मत यूँ मजबूर करो।
आज अगर उन्हें किताबें थमाओगे,
कल उनके नाम से फ़ख़्र पाएंगे।
आने वाली पीढ़ी को उजाला मिलेगा,
जब हर बेटी तालीम से जुड़ेगी।
लड़की की तालीम सिर्फ़ इक किताब नहीं,
ये रोशनी है जो हर दिल में जलती है।
इक लड़की पढ़ती है, तो सौ घर सँवरते हैं,
मख़मली ख़्वाबों में नए जहान बनते हैं।
माँ बनेगी, तो इल्म की ग़ज़ल सुनाएगी,
बेटी को हौसला और बेटे को सबक़ सिखाएगी।
मुल्क का हर कोना नूर से भर जाएगा,
जब हर लड़की पढ़ेगी, ख़ुदा मुस्कुराएगा।
दुनिया की ज़ीनत है ये तालीम की दौलत,
बनाएगी ये मज़बूत, हर रूह और हुकूमत।
लड़की पढ़ेगी, तो पीढ़ियाँ सँवर जाएँगी,
ख़्वाब और हक़ीक़त के फ़ासले मिट जाएँगे।
लड़की को पढ़ाना, बस इक काम नहीं,
ये है समाज को नयी पहचान देनी।
जब पढ़ेगी बेटी, तो संस्कार आएँगे,
अगली पीढ़ियाँ भी राह पाएँगे।
माँ का ज्ञान, बच्चों का उजाला,
घर-घर में होगा तब ही उजाला।
जो आज पढ़ी है, वो कल सिखाएगी,
हर अंधेरे को अपने इल्म से मिटाएगी।
तालीम से ही है तरक़्क़ी का रास्ता,
हर लड़की बनेगी एक मिसाल, ये वादा।
आओ, उसे पढ़ाएँ, उसे बढ़ाएँ,
आने वाली दुनिया को बेहतर बनाएँ।
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