मेरे दिल को रंगने वाले
रब्ब हो या रहमत के साए
तेरी ही नूर की परछाई
मेरी हर साँस में समाई
नूर है तू या नूर का प्याला,
दिल में तेरी ही यादों का उजाला,
बोलो न क्यों ये फ़लक सितारे
सजते हैं तेरे नाम के प्यारे
छू के ज़मीन को हवा कहती है
"सब कुछ तेरी रहमत से है"
क्यों हूँ मैं सज़दा में झुकी सी
दिल में लगी है नूर की सी
क्यों आँख में ये नमी सी आई
किस हुस्न ने रूह जगाई
दोनों जहाँ में तेरी ही पहचान
तू ही करम, तू ही मेहरबान
दिल में ये ऐसी कशिश क्यों है
हर ज़ुबाँ पर तेरा ज़िक्र क्यों है
बोलो न क्यों ये चाँद सितारे,
सजते हैं तेरे नाम के सहारे,
बोलो न क्यों ये चाँद सितारे,
सजते हैं तेरे नाम के सहारे,
छू के ज़मीं को हवा क्यों महकी,
तेरी सिफ़त से फिज़ा क्यों बहकी,
क्यों तू है परदों में छुपा सा,
दिल में उतर के भी जुदा सा,
क्यों तू है परदों में छुपा सा,
दिल में उतर के भी जुदा सा,
हर साज़ में तेरा नग़्मा क्यों है,
हर दिल में तेरा आलम क्यों है,
दोनों जहाँ पे तेरा ही उजाला,
हर ज़र्रा तेरा दीवाना मतवाला,
दोनों जहाँ पे तेरा ही उजाला,
हर ज़र्रा तेरा दीवाना मतवाला,
रूह में ऐसी सूरत क्यों है,
हर सांस में तेरी राहत क्यों है,
मेरे दिल को रंगने वाले
मेहरबान तू, रहम वाले
तू ही सुकून, तू ही कहानी
तू ही मेरी ज़िंदगी रौशनी
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