तफ्सीलात (Details) कुछ यूं हैं:
जो उम्मीदवार (eligible candidates - योग्य छात्र) होंगे, उन्हें एक पढ़ाई के साल में दो बार बोर्ड एग्जाम देने की इजाज़त दी जाएगी।
बोर्ड एग्जाम्स की अंदाज़न तारीखें (tentative dates - अनुमानित तारीखें) इस तरह होंगी:
पहली बोर्ड परीक्षा (First Board Examination): फरवरी/मार्च
दूसरी बोर्ड परीक्षा (Second Board Examination): अप्रैल/मई
हर सेशन की शेड्यूल (schedule - समय-सारणी) तय होगी, और उसमें कोई बदलाव मंज़ूर नहीं होगा।
दोनों बोर्ड एग्जाम उसी साल के सिलेबस (syllabus - पाठ्यक्रम) के मुताबिक लिए जाएंगे।
पहले स्टेप में, सिर्फ पहली परीक्षा में बैठने की इजाज़त दी जाएगी।
पहली परीक्षा के नतीजे (result) आने के बाद, सभी छात्रों को मार्कशीट/ग्रेडशीट (Mark-sheet/Grade-sheet) दे दी जाएगी।
पहली परीक्षा का नतीजा आने के बाद, योग्य छात्रों के लिए दूसरी परीक्षा की रजिस्ट्रेशन (registration - पंजीकरण) शुरू की जाएगी। लेकिन दूसरी परीक्षा में किसी भी विषय (subject) को बदलना या नया जोड़ना मुमकिन नहीं होगा।
जिन विषयों में प्रैक्टिकल एग्जाम (practical examination - प्रयोगात्मक परीक्षा) होता है, वो सिर्फ पहली परीक्षा से पहले ही देना होगा। अगर कोई मजबूरी (exigency - आपात स्थिति) आ जाए और छात्र यूनिवर्सिटी को पहले ही बता दे, तो खास हालात में दूसरी परीक्षा से पहले प्रैक्टिकल देने की इजाज़त मिल सकती है।
दूसरी परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करने वालों को पहली परीक्षा की असली मार्कशीट (original marksheet) वापस करनी होगी।
जिन छात्रों ने दोनों परीक्षाएं दी होंगी, उनकी फाइनल मार्कशीट (final marksheet) में बेहतर नंबर (better of the two marks) ही दर्ज किए जाएंगे।
पहली परीक्षा में रिवाल्यूएशन (re-evaluation - पुनः मूल्यांकन) की सुविधा होगी, लेकिन सिर्फ दो विषयों तक। और उसका नतीजा दूसरी परीक्षा के साथ ही आएगा।
दूसरी परीक्षा में रिवाल्यूएशन की कोई सुविधा नहीं होगी।
जो छात्र पहली परीक्षा में किसी विषय में पास हो जाएं (चाहे वो ऐडिशनल सब्जेक्ट (additional subject - अतिरिक्त विषय) ही क्यों न हो), वो दूसरी परीक्षा में उसी विषय में परफॉर्मेंस बेहतर कर सकते हैं।
जो छात्र दूसरी परीक्षा में पास हों, वो अगले साल की पहली परीक्षा में एक्स-स्टूडेंट (ex-student - पूर्व छात्र) के तौर पर उसी विषय में परफॉर्मेंस सुधार सकते हैं। लेकिन उस वक़्त का सिलेबस लागू होगा।
अगर किसी छात्र को छठे या अतिरिक्त विषय (sixth/additional subject) से फेल विषय की जगह पास घोषित किया गया हो (सिर्फ क्लास 10 के लिए), तो वो अगले दो एग्जाम में उस फेल विषय के लिए एक्स-स्टूडेंट बनकर बैठ सकते हैं।
जो छात्र फेल हो जाएं, उन्हें अगले दो पढ़ाई के सालों में सिर्फ फेल विषयों के लिए एक्स-स्टूडेंट बनकर बैठने की इजाज़त होगी।
यह हुक्म वाइस चांसलर (Vice-Chancellor - कुलपति) की मंजूरी से जारी किया गया है।
तमाम ज़िम्मेदार अफ़राद (concerned - संबंधित लोग) से गुज़ारिश है कि वो इसे नोट कर लें।
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