Find the total energy stored in the capacitors in the given network.
किर्चॉफ के दो अहम् क़ानून होते हैं जो इलेक्ट्रिक सर्किट को समझने के लिए बहुत ज़रूरी हैं। ये क़ानून करंट (Current) और वोल्टेज (Voltage) के बारे में होते हैं। चलिए, इन्हें आसान लफ्ज़ों में समझते हैं।
1. किरचॉफ का करंट क़ानून (Kirchhoff's Current Law - KCL)
इस क़ानून के मुताबिक, किसी भी जंक्शन (जहां कई वायर आपस में जुड़ते हैं) पर आने वाला कुल करंट, वहां से बाहर जाने वाले कुल करंट के बराबर होता है।
📌 आसान अल्फ़ाज़ में:
जो करंट किसी पॉइंट पर आ रहा है, वो किसी ना किसी रास्ते से बाहर भी जाएगा। करंट न तो जादू से गायब होगा और न ही कहीं से अचानक पैदा होगा।
💡 दुनिया से मिसाल:
मान लो, एक चौराहा (traffic junction) है। जितनी गाड़ियां अलग-अलग सड़कों से चौराहे पर आएंगी, उतनी ही किसी ना किसी सड़क से बाहर भी जाएंगी। कोई गाड़ी वहीं हवा में गायब नहीं होगी।
2. किरचॉफ का वोल्टेज क़ानून (Kirchhoff's Voltage Law - KVL)
इस क़ानून के मुताबिक, किसी भी बंद इलेक्ट्रिक लूप में जितना वोल्टेज जोड़ेंगे, उतना ही वोल्टेज खर्च होगा।
📌 आसान अल्फ़ाज़ में:
अगर कोई बैटरी या पावर सोर्स वोल्टेज देता है, तो उस वोल्टेज का पूरा इस्तेमाल सर्किट में मौजूद रज़िस्टेंस (Resistance), बल्ब (Bulb), मोटर (Motor) वगैरह कर लेंगे। वोल्टेज गायब नहीं होगा, ना ही किसी नए सोर्स से खुद बन जाएगा।
💡 दुनिया से मिसाल:
मान लो, आपके पास 100 रुपये हैं, और आपने 30 रुपये एक दोस्त को दिए, 40 रुपये किसी और को, और 30 रुपये खाने पर खर्च किए। तो आपने पूरे 100 रुपये खर्च कर दिए, कोई पैसा हवा में नहीं उड़ा और न ही कोई एक्स्ट्रा पैसे अचानक पैदा हो गए।
असल ज़िंदगी में इन क़ानूनों का इस्तेमाल
🔹 इलेक्ट्रॉनिक्स: मोबाइल, कंप्यूटर, टीवी वगैरह के सर्किट इन्हीं नियमों पर चलते हैं।
🔹 बिजली का सिस्टम: घरों और शहरों में बिजली का पूरा नेटवर्क इसी के हिसाब से डिज़ाइन किया जाता है।
🔹 बैटरी और चार्जिंग: बैटरी से निकलने वाली बिजली और उसके इस्तेमाल में किरचॉफ के क़ानून ही काम करते हैं।
तो ये थे किरचॉफ के दो आसान लेकिन पावरफुल क़ानून, जो हर जगह काम आते हैं! 🚀
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