Wednesday, 11 December 2024

दुआ मांगने का तरीका।

اللهم صلی علی سیدنا و شفیعنا و حبیبنا و مولانا 
محمد وبارک وسلم صلو علیه الصلاۃ و السلام علیک یا رسول اللہ صلی اللہ تعالی علیہ وسلم
 या रब्बुल आलमीन जो कुरान पढ़ा है या जो कुछ मैंने तिलावत की इसका जो कुछ सवाब मिला है उसे सबसे पहले मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला वसल्लम की बारगाह में पेश करता हूं इसको कबूल फर्मा, इसके बाद तमाम अम्बिया इकराम 124000 या 224 000 कम वा बेस तमाम अम्बिया इकराम की बरगाहों में नजर करते हैं मौला कबूल फरमा , इसके बाद तमाम सहाबा इकराम को, तमाम औलिया इकराम को , तमाम बुजुर्गाने दी़न को , तमाम मोमिनीन, तमाम मोमिनात, तमाम मुस्लिमीन ,तमाम मुस्लिमात को इसका सवाब पेश करते हैं मौला ए करीम कबूल फरमा, इसके बाद खुसूस बिल खुसूस मरहूम हाजी छोटे बक्श को पेश कर रहा हूं मौला कबूल फरमा, उनकी कब्र में कुसादगी अता फरमा उनके हिसाबो किताब में आसानी अता फरमा उनके दर्जों को बुलन्द फरमा, जन्नत फिरदोस मैं आला मकाम अता फरमा प्यारे नबी की शफ़ात अता फरमा और घर वालो को सबरे जमील अता फरमा। ज्यादा से ज्यादा ऐसाले सवाब की तौफीक अता फरमा और हम तमाम की दिली जायज तमन्ना पूरी फरमा, इसकी बरकत से हमारे घरों में खैर व बरकत अता फर्मा, हमारे कारोबार में बरकत अता फर्मा, हमारे गुनाहों को माफ़ फर्मा, हमे पांचों नमाज अदा करने की तौफीक अता फर्मा हमारे उलूम व फुनून में बरकत अता फर्मा,इसकी बरकत से जहां मुसलमान परेशान हैं उनकी परेशानी दूर फर्मा,जो बीमार है उन्हें शिफा अता फर्मा, जो बे औलाद है उन्हें औलाद अता फर्मा,और हम सब की दुआ कुबूल फर्मा, हमारी दुआ हुजूर के सदके में कुबूल फरमा।
 
शकील उद्दीन अंसारी 

No comments:

**नज़्म: सर्दी और रहमतें खुदा की*

** नज़्म: सर्दी और रहमतें खुदा की* *   सर्द हवाएं जब चलती हैं, ये पैग़ाम लाती हैं,   हर दर्द में शिफा है, ये हिकमत समझाती हैं।   खुदा के हुक...

Shakil Ansari