(Options थोड़ी देर में नीचे जोड़ूंगा जब तुम पूछोगे। पहले बेसिक जवाब तैयार करते हैं।)
छोटा ब्रीफ इंट्रोडक्शन (NCERT Class 11th-12th के मुताबिक):
Blood Pressure (BP) दिल की उस ताकत (force) को कहते हैं जिससे खून (blood) नसों (arteries) के अंदर बहता है।
Systolic Pressure: जब दिल सिकुड़ता है (contraction होता है) और खून को बाहर पंप करता है, तब प्रेशर सबसे ज्यादा होता है — उसे Systolic Pressure कहते हैं।
Diastolic Pressure: जब दिल रिलैक्स करता है (relaxation में होता है) और खून अंदर भरता है, तब प्रेशर सबसे कम होता है — उसे Diastolic Pressure कहते हैं।
➔ Systolic हमेशा ऊपर वाली वैल्यू होती है,
➔ Diastolic नीचे वाली वैल्यू होती है।
एक हेल्दी (सेहतमंद) इंसान का
Systolic Pressure ≈ 120 mm Hg
Diastolic Pressure ≈ 80 mm Hg
तो उसे हम 120/80 mm Hg लिखते हैं।
आसान अल्फाज़ में:
Systolic 120 mm Hg: जब दिल ताक़त से खून धकेलता है।
Diastolic 80 mm Hg: जब दिल आराम करता है और खून भरता है।
यानी इंसानी दिल एक पंप की तरह काम करता है — एक बार दबता है (Systole), फिर आराम करता है (Diastole)।
🌎 दुनिया से मिसाल देकर समझाना:
जैसे तुम पानी का मोटर (pump) चलाते हो —
जब मोटर तेज़ी से पानी धक्का मारती है, तो प्रेशर हाई होता है (Systolic)।
जब मोटर कुछ सेकंड्स के लिए हल्की होती है, तो प्रेशर कम होता है (Diastolic)।
वैसे ही दिल भी हर बीट में यही काम करता है — जोर से खून धकेलना (120) और फिर आराम से भरना (80)। 💓💦
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