Tuesday, 4 March 2025

1. My Mother at Sixty-Six flamingo class 12th ((Kamala Das)

                  1. My Mother at Sixty-Six

ABOUT THE AUTHOR :

Kamala Das (1934) was born in Malabar, Kerala. She is recognised as one of India's foremost poets. Her works are known for their originality, versatility and the indigenous flavour of the soil. Kamala Das has published many novels and short stories in English and Malayalam under the name 'Madhavikutty'. Some of her works in English include the novel Alphabet of Lust (1977), a collection of short stories Padmavati the Harlot and Other Stories (1992), in addition to five books of poetry. She is a sensitive writer who captures the complex subtleties of human relationships in lyrical idiom, My Mother at Sixty-six is an example.
लेखक के बारे में :

कमला दास (1934) मलाबार, केरल में पैदा हुईं। इंडिया की सबसे बेहतरीन शायरों में से एक मानी जाती हैं। उनके लिखे में ओरिजिनैलिटी, अलग-अलग टॉपिक्स पर लिखने का हुनर और देसी मिट्टी की खुशबू होती है। कमला दास ने इंग्लिश और मलयालम में बहुत से नावेल और शॉर्ट स्टोरीज लिखीं, 'माधविकुट्टी' नाम से भी जानी जाती थीं। उनके इंग्लिश में लिखे कुछ मशहूर कामों में Alphabet of Lust (1977) नावेल, Padmavati the Harlot and Other Stories (1992) शॉर्ट स्टोरीज कलेक्शन और पांच शायरी की किताबें शामिल हैं। वो बहुत ही नाज़ुक एहसास रखने वाली राइटर थीं, जो इंसानी रिश्तों की बारीकियों को बड़े ही खास तरीके से पेश करती थीं। उनकी कविता My Mother at Sixty-six इसका बेहतरीन नमूना है।


विस्तार से समझाएं:
कमला दास इंडिया की बहुत ही जानी-मानी लेखिका थीं, जिन्होंने शायरी, नावेल और शॉर्ट स्टोरीज में अपनी अलग पहचान बनाई। उनका असली नाम कमला सुरय्या था, लेकिन मलयालम में वो माधविकुट्टी नाम से लिखती थीं। उनकी लिखावट की खासियत यह थी कि वो बेहद बोल्ड, ईमानदार और इमोशनल होती थी।

कमला दास की शायरी में ज़िंदगी के दर्द, अकेलापन, और औरतों की फीलिंग्स को बड़ी गहराई से दिखाया गया है। उनकी रचनाओं में रोमांस, लव, शादीशुदा ज़िंदगी की हकीकत और समाज के ठेकेदारों से टकराने वाली औरत की कहानी मिलती है। उनकी कविता "My Mother at Sixty-six" में उन्होंने अपनी मां के बूढ़े हो जाने और उससे जुड़े इमोशन्स को बहुत ही सिंपल और खूबसूरत अंदाज़ में बताया है।

उनकी कुछ फेमस किताबें ये हैं:

Alphabet of Lust (1977) – एक इंग्लिश नावेल, जिसमें समाज की सच्चाइयों को सामने रखा गया है।
Padmavati the Harlot and Other Stories (1992) – एक शॉर्ट स्टोरी कलेक्शन, जिसमें अलग-अलग किरदारों की जिंदगी को दिखाया गया है।
Poetry Collections – कमला दास ने पांच किताबें शायरी की भी लिखीं, जिनमें प्यार, दर्द, और औरतों के इमोशन्स को बेहद खूबसूरती से बयां किया गया है।
कमला दास की खास बात यह थी कि उन्होंने अपनी ज़िंदगी में बहुत खुलकर लिखा, बिना समाज के डर से, और औरतों की सच्चाई को पूरी ईमानदारी से पेश किया। यही वजह है कि उन्हें "भारत की सबसे बोल्ड लेखिका" भी कहा जाता है।
Driving from my parent's home to Cochin last Friday morning, I saw my mother, beside me, doze, open mouthed, her face ashen like that of a corpse and realised with pain that she thought away, and looked but soon put that thought away, and looked out at young trees sprinting, the merry children spilling out of their homes, but after the airport's security check, standing a few yards away, I looked again at her, wan, pale as a late winter's moon and felt that old familiar ache, my childhood's fear, but all I said was, see you soon, Amma, all I did was smile and smile and smile....

ररूआ हिंदी तर्जुमा:

गुज़श्ता जुमे की सुबह जब मैं अपने माबाप के घर से कोचीन की तरफ़ गाड़ी चला रहा था, तो देखा मेरी माँ मेरे पास बैठी सो रही थीं, मुँह खोले, उनका चेहरा ऐसा पीला और फिका था, जैसे किसी मुर्दे का चेहरा हो। मुझे महसूस हुआ कि वो कहीं खो गई हैं, लेकिन मैंने उस ख्याल को जल्दी ही अपने मन से निकाल दिया और बाहर की तरफ़ देखा, जहाँ छोटे पेड़ तेज़ी से दौड़ रहे थे, बच्चे खुशी-खुशी अपने घरों से बाहर आ रहे थे। लेकिन एयरपोर्ट की सिक्योरिटी चेक के बाद, कुछ कदम दूर खड़े होकर मैंने फिर से अपनी माँ को देखा, वो मुरझाई हुई, ठंडी रात के चाँद जैसी सूरत में लग रही थीं। और मुझे वही पुरानी तकलीफ महसूस हुई, जो बचपन में हमेशा होती थी, एक डर जो कभी नहीं जाता। लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा, सिर्फ़ यही कहा, "अच्छा, फिर मिलेंगे, माँ", और सिर्फ़ मुस्कराती रही, मुस्कराती रही, मुस्कराती रही...
विस्तार से समझाना:

यह मंज़र एक गहरे एहसास से भरपूर है, जहाँ लेखक अपनी माँ की स्थिति को देखकर एक अंदरूनी घुटन और दर्द महसूस करता है। यहाँ लेखक की माँ के चेहरे का वर्णन किया गया है कि वह बिल्कुल निस्तेज और मुरझाई हुई दिखाई देती हैं, जैसे जीवन और ऊर्जा से खाली हो। यह स्थिति उस वक्त महसूस होती है जब हम अपने बुजुर्गों को गिरते हुए देखते हैं, और वो हमारे बचपन के डर और चिंताओं को फिर से जिंदा कर देती हैं। माँ के चेहरे पर यह मुरझापन उस दर्द का प्रतीक है, जो लेखक ने अपनी माँ को खोने के डर से महसूस किया।

लेकिन इसके बावजूद, लेखक इस एहसास से बचने की कोशिश करता है और खुद को संभालने के लिए बाहरी दुनिया की ओर ध्यान दिलाता है — जैसे पेड़ जो तेज़ी से दौड़ते हुए जा रहे हैं, और बच्चे जो खुशी से बाहर खेल रहे हैं। यह उसकी कोशिश है कि वह इस डर और डरावनी सोच से बाहर निकले और अपनी माँ को देखकर अंदर से भावुक होने के बजाय उसे एक सामान्य अनुभव के रूप में देखें।

लेकिन जब वह एयरपोर्ट पर फिर से अपनी माँ को देखता है, तो वह वही पुरानी चिंता और दर्द महसूस करता है। इस बार लेखक अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की बजाय केवल मुस्करा कर अपनी माँ से अलविदा लेता है। यह मुस्कान एक तरह से अपने दर्द को छुपाने की कोशिश है, ताकि वह खुद को और अपनी माँ को कमजोर महसूस न कराए।

इस पूरे हिस्से में लेखक की माँ के साथ एक गहरी जुड़ाव और मानसिक संघर्ष की झलक मिलती है, जिसमें वह अपनी माँ के बुज़ुर्ग होने और उसके साथ बढ़ते समय के बदलाव से जूझ रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया में वह अपनी भावनाओं को छुपाने की कोशिश करता है।


.......Questions will be asked in this manner in the board.


Read the following extract and answer the questions that follow:

"Driving from my parent's home to Cochin last Friday morning, I saw my mother,

beside me,doze - open mouthed, her faceb ashen like that o
 a corpse 


i. Name the poem and the poet of the above stanza.

ii. What did she notice about her mother?

iii.Why was her mother's face looking like that of a corpse?


i. Name the poem and the poet of the above stanza.
Answer   - The poem is "My Mother at Sixty-six"by Kamala Das.

ii. What did she notice about her mother?
Answer   - She noticed that her mother was dozing beside her, with her face ashen like that of a corpse.

iii. Why was her mother's face looking like that of a corpse?
Answer   - Her mother's face was looking like that of a corpse because it appeared pale and lifeless, which symbolized the effects of aging and perhaps the proximity to death.

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atomic structure question

Correct option 4 ____________________________________________________________________ __________________...

Shakil Ansari