Wednesday, 11 December 2024

मकान के ऊपर एक नज़्म

घर की नज़्म 

यहाँ की हर खामोशी भी एक भाषा बोलती है,
माँ की हंसी में पूरी कायनात समाती है।

मकान न हो, तो इंसान कहाँ चैन से जी सकता है,
यह वही स्थान है जहाँ इंसान खुद को पा सकता है।

यह घर ही है जो हर सर्दी-गर्मी से बचाता है,
इसी घर में तो हर इंसान अपना सपना सजाता है।

मकान है वो ठिकाना, जहां सुकून मिलेगा,
इंसान को हर कदम पर, अपना घर मिलेगा।

ये घर नहीं सिर्फ दीवारों का ढांचा है,
यहाँ जज़्बात, रिश्ते और प्यार का रंग चंछा है।
मकान है वो स्थल, जहां चैन से सोते हैं,
इंसान की मेहनत, यहाँ फलते हैं।

द्वार से बाहर की दुनिया से, यहाँ सुरक्षा मिलती है,
घर की छांव में ही तो सच्ची राहत मिलती है।

हर दीवार में छुपी है, इक नई कहानी,
यहाँ के हर कोने में छुपी है इंसान की निशानी।

ये वही जगह है जहाँ इंसान को पहचान मिले,
मेहनत का फल और सच्ची ख़ुशियाँ यहाँ मिलें।

एक मकान नहीं, ये तो एक जन्नत का रूप है,
जहाँ दिल की शांति और घर का प्यार हो छुपा।

No comments:

The Women Who Lit Our World

“ The Women Who Lit Our World” – Meaning Explained It means: Lighting up homes — by cooking, offering prayers, nurturing children, and cari...

Shakil Ansari